Thursday, May 31, 2007

बाँवरा मन

घर से बिछड़े हुए बहुत दिन
अब मन मेरा व्याकुल है
ये तेज़ शहर है
यहाँ ज़िंदगी सरपट भागी जाती है
गन्तव्यहीन अन्धी दौड़ में
जाने दुनिया क्या पाती है
इस तेज़ रफ्तार दौड़-भाग में
वृद्ध हो चला हूँ असमय ही,
माँ मेरा बचपन लौटा दो
अब मन मेरा व्याकुल है।
घर से बिछड़े हुए बहुत दिन
अब मन मेरा व्याकुल है।।
Times have changed and times are strange Here I come, but I ain't the same Mama, I'm coming home ~ Ozzy Osbourne